क्र.सं. |
विषय |
अध्यापन |
ट्यू. |
इकाई – 1 संस्कृतकालीन चिंतन और चिंतक |
10 |
05 |
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1 |
वैदिक भाषा चिंतन |
02 |
02 |
2 |
यास्क और निरुक्त |
02 |
01 |
3 |
मुनित्रय – पाणिनि, कात्यायन, पतंजलि |
03 |
01 |
4 |
संस्कृत वैयाकरणिक परंपरा में ध्वनि, शब्द और वाक्य संबंधी प्रमुख अवधारणाएँ |
03 |
01 |
इकाई – 2 आधुनिक भारतीय भाषाचिंतक |
10 |
05 |
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1 |
प्रमुख भाषा चिंतक – 1. सुनिति कुमार चटर्जी 2. उदय नारायण तिवारी 3. रामकृष्ण गोपाल भंडारकर 4. आचार्य देवेन्द्र नाथ शर्मा 5. रवींद्रनाथ श्रीवास्तव |
05 |
02 |
2 |
प्रमुख हिंदी वैयाकरण - कामताप्रसाद गुरु, आचार्य किशोरी दास वाजपेयी, सूरजभान सिंह |
05 |
03 |
संदर्भ ग्रंथ –
1. Culler, J. (1986). Ferdinand de Saussure. 2nd edn, Ithaca, New York: Cornell University Press.
2. Geoffrey, S. (1980). Schools of Linguistics. London: Hutchinson.
3. Jespersen, O. (1924). The philosophy of grammar. London: Allen and Unwin.
4. Kapoor, Kapil. (2010). Dimensions of Panini Grammar.New Delhi : D.K. Printword (P) Ltd.
5. Lyons, J. (1970). Noam Chomsky. New York: Viking Press.
6. Mishra, Vidyaniwas. (1966). The Descriptive Technique of Panini.Mouton.
7. Robins, R.H. (1990). A Short History of Linguistics. London: Longman
8. अयंगार, वी.कृष्णस्वामी . (1981). पाणिनीय व्याकरण प्रवेश. आगरा: उमा मेहरा एंड कंपनी.
9. अय्यर, के.ए.एस. (1991). भर्तृहरि का वाक्य पदीय. जयपुर: राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी.
10.अरस्तू. (2003).काव्यशास्त्र . – अनु. डॉ. नगेंद्र, इलाहाबाद: भारती भंडार.
11. देशपांडे, गणेश त्र्यंबक. (1961). भारतीय साहित्य शास्त्र . बंबई: पापुलर बुक डिपो.
12. मिश्र, विद्यानिवास, विद्यालंकार, अनिल, चतुर्वेदी, माणिकलाल. (1994). भारतीय भाषाशास्त्रीदय चिंतन, जयपुर: राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादेमी.
13. मिश्र, विद्यानिवास. (1978). भारतीय भाषाशास्त्रीलय चिंतन की पीठिका, पटना: बिहार राष्ट्रयभाषा परिषद.
14. मीमांसक, युधिष्ठिर. (?). संस्कृत व्याकरण का इतिहास. वाराणसी: चौखंभा.
15. श्रीवास्तव, रवींद्रनाथ. (1984). भाषाशास्त्रा के सूत्रधार. नयी दिल्लीह: नेशनल पब्लिशिंग हाउस.