प्रिय विद्यार्थियों,
एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम (द्वितीय सत्र) के प्रश्नपत्र MSW 06 सामाजिक वैयक्तिक सेवाकार्य में आपका स्वागत है। इस प्रश्नपत्र को चार खंडों में विभाजित किया गया है।
पहले खंड में सामाजिक वैयक्तिक सेवाकार्य की अवधारणा को समाज कार्य प्रणाली के रूप में समझाया गया है। सामाजिक वैयक्तिक सेवाकार्य के कार्यक्षेत्र एवं घटकों को बताते हुए सेवार्थी को समझने के लिए व्यवहार अवधारणाओं पर प्रकाश डाला गया है।
दूसरे खंड में वैयक्तिक सेवाकार्य के सिद्धांतों,सहायता करने की सहायक तकनीकों का उल्लेख किया गया है। सामाजिक वैयक्तिक सेवाकार्य प्रक्रिया और उपकरणों को समझाया गया है एवं इससे संबंधित सैद्धांतिक विचार मार्गों को स्पष्ट किया गया है।
तीसरे खंड में समाज कार्य में परामर्श की भूमिका को रेखांकित किया गया है। परामर्श के अर्थ, प्रक्रिया को समझाते हुए प्रयुक्त की जाने वाली सहायक एवं व्यावहारिक विधियों का वर्णन किया गया है। परामर्श में प्रयुक्त की जाने वाली संज्ञानात्मक और मनोविश्लेषणात्मक विधियों का उल्लेख करते हुए परामर्श में निहित व्यावहारिक मुद्दों को भी स्पष्ट किया गया है।
चौथे खंड में सामाजिक वैयक्तिक कार्य में साक्षात्कार प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया है। साक्षात्कार के कौशल और विभिन्न तकनीकों को समझाया गया है। इसके साथ सामाजिक वैयक्तिक कार्य में अभिलेखन और प्रलेखन का भी वर्णन किया गया है।
- टीचर: shambhu joshi
प्रिय विद्यार्थियों,
एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम (द्वितीय सत्र) के प्रश्नपत्र MSW 07 सामाजिक समूह कार्य में आपका स्वागत है। इस प्रश्नपत्र को चार खंडों में विभाजित किया गया है।
पहले खंड में सामाजिक समूह कार्य का परिचय दिया गया है। सामाजिक समूह की विशेषताओं,महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसके ऐतिहासिक विकास क्रम को बताया गया है। भारत में सामाजिक समूह कार्य के इतिहास को रेखांकित करते हुए समाजकार्य की प्रणाली के रूप में इसे स्पष्ट किया गया है।
दूसरे खंड में सामाजिक समूह कार्य के सिद्धातों,प्रारूपों एवं अवस्थाओं का उल्लेख किया गया है। समूह निर्माण की प्रक्रिया को बताते हुए सामाजिक समूह कार्य में मूल्य और सिद्धांतों का उल्लेख किया गया है।
तीसरे खंड में सामाजिक कार्य में नेतृत्व और कौशलविकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें नेतृत्व और शक्ति को रेखांकित करते हुए सामाजिक समूह कार्य के कौशल और तकनीकों को स्पष्ट किया गया है। साथ ही इसमें जीवन कौशल शिक्षा की प्रासंगिकता का बताते हुए कार्यक्रम नियोजन पर प्रकाश डाला गया है।
चौथे खंड में विभिन्न स्थापनों में सामाजिक समूह कार्य को बताया गया है। भारतीय संदर्भ में स्व-सहायता समूहों की संकल्पना का समझाते हुए सामुदायिक,संस्थागत,शैक्षिक स्थापनों में समूह कार्य को स्पष्ट किया गया है। साथ ही समूह कार्य में सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका पर भी चर्चा की गई है।
- टीचर: shambhu joshi
प्रिय विद्यार्थियों,
एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम (द्वितीय सत्र) के MSW 08 सामुदायिक संगठन एवं सामाजिक क्रिया में आपका स्वागत है। इस प्रश्नपत्र को तीन खंडों में विभाजित किया गया है।
पहला खंड समुदाय की अवधारणा एवं सामुदायिक विकास पर केंद्रित है। इसमें समुदाय की अवधारणा और सामुदायिक कार्य को समझाया गया है। इस खंड में शहरी समुदाय, ग्रामीण समुदाय और जनजातीय समुदाय पर भी प्रकाश डाला गया है और उनकी जानकारी प्रदान की गयी है। अंत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अर्थ और भारत में उसके क्रियान्वयन को रेखांकित किया गया है।
दूसरा खंड सामुदायिक विकास के लिए सामुदायिक संगठन से संबंधित है। इस खंड में सामुदायिक संगठन क्या है? उसका इतिहास क्या है ? इत्यादि पर प्रकाश डाला गया है। समाज कार्य प्रणाली के रूप में सामुदायिक संगठन और सामुदायिक संगठन के विभिन्न प्रारूपों और दृष्टिकोणों का भी उल्लेख किया गया है। इसके अतिरिक्त भारत में सामुदायिक संगठन में वर्तमान मुद्दों और सामुदायिक संगठनकर्ता की भूमिका को विस्तार से बताया गया है ।
तीसरे खंड में सामुदायिक विकास के लिए सामाजिक क्रिया पर प्रकाश डाला गया है। सामाजिकक्रिया की अवधारणा, अनुप्रयोग, विभिन्न प्रारूपों, रणनीतियों और कौशलों का उल्लेख किया गया है। समाज कार्य के कार्य करने के तरीके के रूप में सामाजिक क्रिया का वर्णन किया गया है।
- टीचर: shambhu joshi
एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम (द्वितीय सत्र) के प्रश्नपत्र MSW 10 सामाजिक कल्याण प्रशासन, नीति और नियोजन में आपका स्वागत है। इस प्रश्नपत्र को तीन खंडों में विभाजित किया गया है।
पहला खंड समाज कल्याण प्रशासन पर केंद्रित है। इसमें समाज कल्याण प्रशासन की अवधारणा, इतिहास, प्रकृति , सिद्धांत और कार्यक्षेत्र को समझाया गया है। इस खंड में यह भी स्पष्ट किया गया है कि समाज कल्याण संगठन क्या है और समाज कल्याण सेवाओं का प्रबंधन किस प्रकार किया जाता है। अंत में समाज कल्याण प्रशासन और सामाजिक नीति के आपसी संबंधों पर प्रकाश डाला गया है।
दूसरा खंड सामाजिक नीति से संबंधित है। इस खंड में सामाजिक नीति का परिचय, प्रारूप और सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया है। भारतीय संविधान में सामाजिक नीति से संबंधित प्रावधानों का भी उल्लेख किया गया है। इसके अतिरिक्त भारत में विभिन्न सामाजिक नीतियों और पंचवर्षीय योजनाओं में क्रियान्वित सामाजिक नीति का विवरण भी प्रदान किया गया है।
तीसरे खंड में सामाजिक नियोजन पर प्रकाश डाला गया है। सामाजिक नियोजन की अवधारणा, अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, प्रक्रिया, सिद्धांत इन सभी का उल्लेख किया गया है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में सामाजिक नियोजन का वर्णन किया गया है। इसके साथ सामाजिक एवं सतत विकास जैसी नवीन अवधारणाओं को भी रेखांकित किया गया है।
- टीचर: shambhu joshi
एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम (द्वितीय सत्र) के प्रश्नपत्र MSW 09 समाज कार्य एवं सामाजिक विकास में आपका स्वागत है। इस प्रश्नपत्र को चार खंडों में विभाजित किया गया है।
पहले खंड में सामाजिक गतिकी एवं परिवर्तन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला गया है। इसमें प्रवासन,ग्रामीण-शहरी द्वंद्व,उद्योगीकरण एवं वैश्वीकरण एवं उसके प्रभावों को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है।
दूसरे खंड में विकास की अवधारणा की चर्चा की गई है। सामाजिक और मानव विकास की अवधारणा को समझाते हुए सतत विकास का उल्लेख किया गया है। विकास और प्रगति के सामाजिक और आर्थिक आयामों को एकसाथ समझने का प्रयास किया गया है। विकास के जेंडर परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डाला गया है।
तीसरे खंड में विकास को मानवाधिकार परिप्रेक्ष्य में समझने का प्रयास किया गया है। इस कड़ी में संविधान के सामाजिक आदर्शों का उल्लेख किया गया है। सामाजिक कार्य और मानवाधिकार के बीच संबंधों का वर्णन किया गया है। हितकारी अर्थव्यवस्था और विकास के आपसी संबंधों की चर्चा करते हुए न्यायिक प्रणाली को बताया गया है।
चौथे खंड में भारत में विद्यमान विभिन्न सामाजिक विधानों की चर्चा की गई है। जिसमें महिलाओं, बालक/बालिकाओं,आदिवासियों के लिए बने विधानों का उल्लेख किया गया है। साथ ही सामाजिक विधानों के समकालीन संदर्भों की चर्चा भी की गई है।
- टीचर: shambhu joshi