तृतीय सेमेस्‍टर में तीन सैद्धांतिक प्रश्‍नपत्र एवं एक क्षेत्रकार्य जर्नल है। 

प्रिय विद्यार्थियों,

 

एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम (तृतीय सत्र) के प्रश्नपत्र MSW 11 समाज कार्य प्रबंधन में आपका स्वागत है। इस प्रश्नपत्र को तीन खंडों में विभाजित किया गया है।

 

पहले खंड में प्रबंधन की अवधारणा का परिचय दिया गया है। उसकी परिभाषा, प्रकृति, क्षेत्र, सिद्धांत, प्रकार्यों पर प्रकाश डाला गया है। समाज कार्य में गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका बहुत महत्‍वपूर्ण है अतएव इन संगठनों में प्रबंधन के मुद्दे किस प्रकार अभिव्‍यक्‍त होते हैं? इसे भी स्‍पष्‍ट किया गया है ताकि विद्यार्थी इस क्षेत्र की प्रबंधन समस्‍याओं को समझ सके।

 

दूसरे खंड में गैर सरकारी संगठनों की अवधारणा को स्‍पष्‍ट किया गया है। गैर सरकारी संगठन किसे कहें? उनके उद्देश्‍य एवं प्रकार क्‍या हैं? इसे समझाया गया है। भारत सरकार गैर सरकारी संगठनों के लिए जिन विभिन्‍न योजनाओं को लागू करती है उनका उल्‍लेख भी किया गया है। भारत में गैर सरकारी संगठनों को किन समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है? उनके समाधान क्‍या हो सकते हैं, इन्‍हीं मुद्दों की चर्चा इस खंड में की गई है।

 

तीसरे खंड में गैर सरकारी संगठन के गठन की प्रक्रिया को स्‍पष्‍ट किया गया है। गैर सरकारी संगठन का गठन करते समय पंजीकरण प्रक्रिया,नियम , संविधान,नीतियों का उल्‍लेख किस प्रकार किया जाता है ? कार्यक्रम एवं परियोजना प्रबंधन करते समय किन बातों को ध्‍यान में रखना आवश्‍यक है? वित्‍तीय प्रबंधन किस प्रकार किया जाता है और आयकर में छूट किस प्रकार प्राप्‍त होती है ? ऐसे व्‍यावहारिक मुद्दों की चर्चा की गई है।


 


प्रिय विद्यार्थियों,

एमएसडब्‍ल्‍यू पाठ्यक्रम के तृतीय सत्र के प्रश्‍नपत्र MSW 12 'समाज कार्य अनुसंधान' में आपका स्‍वागत है। इस प्रश्‍नपत्र को चार खंडों में विभाजित किया गया है।

पहला खंड समाज कार्य में अनुसंधान के मूल तत्‍वों पर केंद्रित है। इस खंड में सामाजिक अनुसंधान क्‍या  ? सामाजिक अनुसंधान की परिभाषा क्‍या है ? पर प्रकाश डाला गया है। आगे सामाजिक अनुसंधान के प्रकारों को रेखांकित किया गया है। अंत में विभिन्‍न शोध प्रारूपों का उल्‍लेख किया गया है।  

दूसरा खंड समाज कार्य में अनुसंधान विधियों से संबंधित है। इस खंड में बताया गया है कि शोध समस्‍या  निर्धारण किस प्रकार किया जाता है? शोध के महत्‍वपूर्ण अंग के रूप में परिकल्‍पना के महत्‍व को दर्शाते हुए इसके विभिन्‍न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। प्राथमिक एवं द्वितीयक स्रोतों के संबंध में जानकारी प्रदान की गयी है। इसके अतिरिक्‍त विभिन्‍न अनुसंधान विधियों को बताया गया है ।

तीसरे खंड में आँकड़ा संग्रहण की विभिन्‍न विधियों पर प्रकाश डाला गया है। जिसमें प्रतिचयन, प्रश्‍नावली एवं अनुसूची, साक्षात्‍कार एवं अवलोकन महत्‍वपूर्ण हैं। इन विभिन्‍न विधियों का संक्षिप्‍त परिचय देकर इनके विभिन्‍न आयामों को प्रदर्शित किया गया है । साथ ही इनके गुण एवं दोषों पर भी प्रकाश डाला गया है।

चौथे खंड में विश्‍लेषण प्रविधि का उल्‍लेख किया गया है। इसमें विश्‍लेषण प्रविधि का सामान्‍य परिचय दिया गया है। शोध में प्रयुक्‍त की जाने वाली सांख्यिकी की अवधारणा का उल्‍लेख किया गया है। शोध रिपोर्ट किस तरह लिखी जाती है और उसमें संदर्भ लेखन के विभिन्‍न तरीकों को समझाया गया है।


प्रिय विद्यार्थियों,

 

एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम (तृतीय सत्र) के प्रश्नपत्र MSW 13 सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य में आपका स्वागत है। इस प्रश्नपत्र को चार खंडों में विभाजित किया गया है।

 

पहले खंड में यह बताया गया है कि सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य की संकल्‍पना क्‍या  है? स्‍वास्‍थ्‍य के समाजशास्‍त्र को किस प्रकार समझा जा सकता है, समाज में स्‍वास्‍थ्‍य के सामाजिक निर्धारक कौन- कौन से हैं और  समुदाय की स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल किस प्रकार की जा सकती है? यह खंड इन्‍हीं मुद्दों को स्‍पष्‍ट करता है।

 

दूसरे खंड में यह बताया गया है कि भारत में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को किस प्रकार उपलब्‍ध कराया जाता है? इन सेवाओं को प्रदान करते समय संस्‍थागत प्रारूप क्‍या है और किस प्रकार की नीतियों का निर्माण किया जाता है ? भारत में मौजूद विभिन्‍न कार्यक्रमों एवं नीतियों का उल्‍लेख इस खंड में किया गया है।

 

तीसरे खंड में स्‍वास्‍थ्‍य शोध, संचार एवं समाज कार्य को स्‍पष्‍ट किया गया है। समाज कार्य के परिप्रेक्ष्‍य से स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी सूचनाएं, सांख्यिकी, व्‍यवस्‍थाएं और शोध में किन संस्‍थानों और कार्यक्रमों का योगदान है, इसे बताया गया है। समाज में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी जागरूकता लाने में व्‍यवहार को बदलने वाले सिद्धांत किस प्रकार समाज कार्य की सहायता करते हैं, समुदाय में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी जागरूकता लाने में पंचायतों की भूमिका को भी समझाया गया है।

 

चौथे खंड में स्‍वास्‍थ्‍य की गांधीय संकल्‍पना को प्रस्‍तुत किया गया है। स्‍वास्‍थ्‍य एवं सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य की गांधीय संकल्‍पना क्‍या है? उनके प्राकृतिक चिकित्‍सा संबंधी प्रयोग क्‍या थे? स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी प्रयोगों के बारे में उनका क्‍या मत था आदि मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है।