आज शिक्षा, अपने अनेक रूपों और संस्थाओं के साथ समाज में उपस्थित है। इसे वैयक्तिक विकास, सामाजिक बदलाव और आर्थिक विकास को पाने के माध्यम के रूप में देखा जाता है। बदलते सामाजिक-आर्थिक परिवेश ने जहाँ शिक्षा के नए अवसर पैदा किए हैं वहीं कुछ नई चुनौतियाँ भी खड़ी की हैं। समकालीन परिवेश में शिक्षा की विकास की अन्य नीतियों के साथ सघन अन्तःक्रिया भी हो रही है। इस प्रसंग में शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने और इसके संस्थागत रूप के क्रियान्वयन के साथ-साथ उसके प्रति एक सर्तक आलोचनात्मक दृष्टि भी रखने की आवश्यकता है। इन संदर्भो को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विद्यापीठ का उदेश्य शिक्षकों और शिक्षक-शिक्षकों की अकादमिक और वृत्तिक विकास के अवसरों को उपलब्ध कराना हैं. इस विद्यापीठ का उदेश्य योग्य, रचनाधर्मी, समर्पित और संवेदनशील अध्यापक का विकास हैं, जो विद्यार्थियों को उनके सामाजिक सन्दर्भ के अन्तर्गत समझे और ज्ञान के सह-निर्माण के अवसर उपलब्ध कराएं. इसके साथ शिक्षा से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में शोध के प्रति सचेत करना और शोध कार्य का बीजारोपण करना, शिक्षा के विभिन्न सरोकारों से जुड़े परिप्रेक्ष्यों का विकास करने का प्रयास भी इस विद्यापीठ द्वारा किया जायेगा.