अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, अधिनियम-1997 द्वारा स्थापित चार (04) विद्यापीठों में से एक है ।  विश्वविद्यालय अधिनियम द्वारा निर्धारित उद्देश्यों की अनुरूपता में अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के निम्नलिखित कर्तव्य हैं –

1.      अनुवाद संबंधी शोध, शिक्षण एवं प्रशिक्षण के पाठ्यक्रमों का संचालन ।

2.      भारत और भारत के बाहर विभिन्न ज्ञानानुशासनों के क्षेत्र में संपन्न अनुसंधान और ज्ञान सामग्री को मुख्यतः हिंदी एवं भारतीय भाषाओं में विकसित करना और उपलब्ध कराना ।

3.      हिंदी भाषा और साहित्य के संवर्धन के लिए भारतीय भाषाओं एवं साहित्य के लिए अनूदित आधार सामग्री का विकास करना ।

4.      भारतीय भाषाओं के मध्य संवाद एवं आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए सेतु भाषा के रूप में संस्कृत को विकसित करने के उपाय करना ।

5.      हिंदी में ज्ञान के विकास और मौलिक ज्ञान के सृजन के लिए भारतीय निर्वचन परंपरा का पुनरान्वेषण एवं तदनुरूप उपर्युक्त पद्धतियों का विकास ।

6.      कौशल संपन्न अनुवादकों, आशु-अनुवादकों एवं निर्वचन-कर्ताओं को तैयार करना तथा राष्ट्रीय स्तर पर इन्हें व्यावसायिक समूहों से संबद्ध करना ।

7.      राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवासित/डायस्पोरा समुदाय के भाषा, साहित्य, संस्कृति एवं समस्याओं तथा भारतीय संस्कृति की सापेक्षता में अध्ययन ।