यह पाठ्यचर्या अनुवाद के मशीनी पक्ष से संबंधित है। इस
पाठ्यचर्या के अंतर्गत मशीनी अनुवाद की अवधारणा, विकास एवं प्रयोग के बारे में
विस्तार से बताया जाएगा। मशीन अनुवाद के विभिन्न घटकों,
पद्धतियों एवं प्रक्रियाओं से हम परिचित होंगे । मशीन अनुवाद के विभिन्न चुनौतियों
एवं समस्याओं से हम परिचित होंगे तथा उनका निराकरण किस तरह से किया जाए इस पर
विचार करेंगे।
पाठ्यचर्या के अंतर्गत दो भाषाओं की भाषा सरंचना, अभिव्यक्तियों, मुहावरों, सरंचना नियमों और भाषा व्यवहार संबंधी व्यतिरेकी अध्ययन को शामिल किया गया है| भाषा के समान-असमान स्तरों की पहचान कैसे की जाती है , उनका तुलनात्मक विश्लेष्ण किस तरह संभव है और अनुवाद के लिए संभावित पर्यायों का चयन कैसे किया जा सकता है आदि पर चर्चा की गई है। ध्वनि,लिपि,संज्ञा,सर्वनाम,क्रिया आदि के आधार पर व्यतिरेकी विश्लेष्ण को समझाने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही हिंदी भाषा का विकास,त्रुटि विश्लेष्ण आदि महत्वपूर्ण बिन्दुओं का समावेश किया गया है।
इस पाठ्यचर्या में अनुवाद चिंतन की परंपरा से संबंधित मोड्युल शामिल हैं। इस पाठ्यचर्या में विभिन्न कालों में अनुवाद चिंतन एवं चिंतकों से परिचय कराया जाएगा । इस पाठ्यचर्या में अनुवाद विद्या के इतिहास से परिचय एवं एक अनुशासन के रूप में अनुवाद विद्या के अध्ययन के बारे में चर्चा की जाएगी ।
इस पाठ्यचर्या में अनुवाद सिद्धांत, सिद्धांतों के व्यवहारिक अनुप्रयोग संबंधी बिंदु समाविष्ट हैं। पाठ्यचर्या में विभिन्न पाठों के माध्यम से अर्थ विचार,वाक्य विचार तथा संदर्भ मीमांसा और संप्रेषण सिद्धांत अनुवाद सिद्धांत के लिए किस प्रकार अनिवार्य हैं, यह स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। अनुवाद सिद्धांत के विकासक्रम उसके वर्तमान स्वरूप, विभिन्न विद्वानों के अनुवाद सैद्धांतिकी संबंधी विचारों अनुवाद-मूल्यांकन, परीक्षण अथवा सैद्धांतिकी के संबंध को पाठ्यचर्या में शामिल किया गया है।
पाठ्यचर्या विवरण (Description of Course) : इस पाठ्यचर्या में भाषा एवं उसकी संरचना से संबंधित मॉड्यूल शामिल हैं। इस पाठ्यचर्या में भाषा संरचना, भाषा के विभिन्न घटक; ध्वनि, शब्द, वाक्य, पदबंध, प्रोक्ति एवं अर्थ आदि का अध्ययन व अभ्यास किया जाएगा। साथ ही भाषा के रूप, अनुवाद और भाषा संरचना और पाठ विश्लेषण का बोध कराया और अनुप्रयोग सिखाया जाएगा।
अपेक्षित अधिगम परिणाम CLOs (Course Learning Outcomes):
i. भाषा और भाषा के विविध रूपों का ज्ञान व बोध।
ii. भाषा के विभिन्न घटकों का ज्ञान और बोध
iii. भाषा संरचना का ज्ञान व बोध और अनुवाद कर्म में उनका अनुप्रयोग।
iv. अनुवाद व्याकरण का ज्ञान, बोध और अनुप्रयोग।