तीसरा

MATS(C)-301

कोशविज्ञान एवं कोश निर्माण

(Lexicology & Lexicography)

04

काव्य भाषा

(Poetic Language)

MATS(E)-301

04

20 क्रेडिट

MATS(C)-302

मशीन अनुवाद

(Machine Translation)

04

काव्यरूप

(Geneology)

MATS(E)-302

04

MATS(C)-303

अनुवाद : प्रकार एवं क्षेत्र

(Translation: Types and Domains)

04

 

 

 

 

 

 

 


यह पाठ्यचर्या अनुवाद के मशीनी पक्ष से संबंधित है। इस पाठ्यचर्या के अंतर्गत मशीनी अनुवाद की अवधारणा, विकास एवं प्रयोग के बारे में विस्तार से बताया जाएगा । मशीनी अनुवाद के विभिन्न घटकों, पद्धतियों एवं प्रक्रियाओं से हम परिचित होंगे । मशीनी अनुवाद के विभिन्न चुनौतियों एवं समस्याओं से हम परिचित होंगे तथा उनका निराकरण किस तरह से किया जाए इस पर विचार करेंगे ।

अपेक्षित अधिगम परिणाम CLOs (Course Learning Outcomes) :

i. मशीनी अनुवाद के सैद्धांतिक पक्ष से परिचय

ii. मशीनी अनुवाद की प्रक्रिया एवं प्रणालियों की जानकारी

iii. मशीनी अनुवाद की पद्धतियों एवं चुनौतियों से परिचय

iv. मशीनी अनुवाद के विभिन्न सॉफ्टवेयर एवं प्लेटफार्म के प्रयोग में दक्षता


इस पाठ्यचर्या में अनुवाद समीक्षा एवं मूल्यांकन से संबंधित मॉड्यूल हैं। इस पाठ्यचर्या में अनुवाद समीक्षा व मूल्यांकन के अर्थ का बोध कराते हुए उनकी परिभाषा की जाएगी, उनके प्रकार को बताया जाएगा। साथ ही अनुवाद समीक्षा और मूल्यांकन के मानदंडों का ज्ञान कराते हुए अनुवाद समीक्षा और मूल्यांकन की पद्धतियों का बोध कराया जाएगा और उनके अनुप्रयोग को बताया जाएगा।

यह पाठ्यचर्या अधिगमकर्ता को अनुवाद के प्रकार और अनुवाद के क्षेत्रों से अवगत कराएगी, जिससे अधिगमकर्ता अनुवाद  कार्य के मर्म को समझने में सक्षम होगा । इस पाठचर्या में अनुवाद के प्रकार विभाजन के चार आधार सुझाएँ गये है- रोमन योकोब्सन  के अनुसार, प्रकृति के आधार पर, भाषा पाठ के आधार पर, भाषा शैली के आधार पर । अनुवाद के साहित्यिक एवं साहित्येतर क्षेत्रों शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और कार्यालय, विधि क़ानून आदि क्षेत्रों को पाठ्यचर्या के अंतर्गत शामिल किया गया है।

इस पाठ्यचर्या में कोशविज्ञान के सैद्धांतिक पक्ष एवं कोश निर्माण के व्यावहारिक अनुप्रयोग संबंधी बिंदु समाविष्ट हैं। इसमें कोशविज्ञान की विभिन्न अवधारणाओं का अध्ययन करने के साथ कोश के प्रकार, कोश और व्याकरण के अंतर्संबंध का, शब्द उत्पत्ति एवं शब्दार्थ संबंध, प्रविष्टि व कार्पस आदि का अध्ययन शामिल है। इसके साथ ही कोश निर्माण का अनुप्रयुक्त पक्ष, शब्द निर्माण प्रक्रिया, अर्थ का स्वरूप और अर्थ की प्रतीति, व्युत्पत्तिपरक अर्थ और व्याकरणिक अर्थ, प्रसंगगत अर्थ संदर्भगत अर्थ आदि का बोध कराते हुए कोश निर्माण का अभ्यास कराया जाएगा।