अनुवाद का तुलनात्मक साहित्य के अध्ययन में योगदान एवं अनुवाद को एक अनुशासन के रूप में स्थापित करने में तुलनात्मक साहित्य की भूमिका । तुलनात्मक साहित्य की अवधारणा, विकास के साथ-साथ भारत एवं विश्व में एक शास्त्रानुशासन के रूप में उसके विकास का अध्ययन ।
इस पाठ्यचर्या में अर्थ से संबंधित मॉड्यूल शामिल हैं। इस पाठ्यचर्या में भाषा के अर्थ संबंधी अवधारणाओं से परिचय कराया जाएगा। इस पाठ्यचर्या में अर्थ की संकल्पना एवं प्रकार, संदर्भ एवं संदर्भगत भावों, अर्थविज्ञान, शब्दिम आदि पर विचार किया जाएगा ।
- Teacher: DR. SATYA VIR
इस पाठ्यचर्या में भाषा एवं उसकी संरचना से संबंधित मॉड्यूल शामिल हैं। इस पाठ्यचर्या में भाषा संरचना, भाषा के विभिन्न घटक; ध्वनि, शब्द, वाक्य, पदबंध, प्रोक्ति एवं अर्थ आदि का अध्ययन व अभ्यास किया जाएगा। साथ ही भाषा के रूप, अनुवाद और भाषा संरचना और पाठ विश्लेषण का बोध कराया और अनुप्रयोग सिखाया जाएगा।
इस पाठ्यचर्या के अंतर्गत अनुवाद अभिगम एवं पद्धति से संबंधित मॉड्यूल हैं। पाठ्यचर्या में अनुवाद प्रक्रिया से परिचय व इस संबंध में विभिन्न विद्वानों के विचार तथा उनके द्वारा प्रस्तावित प्रक्रियागत मॉडल को बताने के साथ ही अनुवाद अभिगम, पद्धति व अनुवाद रणनीति के बारे में जानेंगे एवं उनका अभ्यास भी करेंगे।
इस पाठ्यचर्या में अनुवाद सिद्धांत, सिद्धांतों के व्यवहारिक अनुप्रयोग संबंधी बिंदु समाविष्ट हैं। पाठ्यचर्या में विभिन्न पाठों के माध्यम से अर्थ विचार, वाक्य विचार तथा संदर्भ मीमांसा और संप्रेषण सिद्धांत अनुवाद सिद्धांत के लिए किस प्रकार अनिवार्य हैं, को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। अनुवाद सिद्धांत के विकास क्रम, उसके वर्तमान स्वरूप, विभिन्न विद्वानों के अनुवाद सैद्धांतिकी संबंधी विचारों, अनुवाद-मूल्यांकन, परीक्षण अथवा सैद्धांतिकी के संबंध को पाठ्यचर्या में शामिल किया गया है।
अनुवाद के लिए भाषाओं की संरचनाओं का महत्व। हिंदी भाषा का परिचय एवं इसकी संरचना से परिचय।
- Teacher: Dr.Meera Nichale
अनुवाद के विभिन्न सिद्धांतों से परिचय एवं उनका अनुवाद कर्म में महत्व।
- Teacher: Richa Kushwaha